वशीकरण मंत्र किसे चाहिए OPTIONS

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लौंग, लौंगा, लौंगा! बैर एक लौंग मेरी आती-पाती

इस मंत्र का जाप एक शांत और पवित्र स्थान पर, स्नान करके और स्वच्छ वस्त्र पहनकर करना चाहिए। मंत्र जाप की विधि और मंत्रों की संख्या के बारे में किसी अनुभवी गुरु या पुस्तक से जानकारी प्राप्त करें।

त्व देवी जगत माता योनिमुद्रे नमोस्तुते

यह मंत्र विवाह संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप विवाहित या विवाह करने वाले व्यक्ति को अपने वश में कर सकते हैं और उन्हें अपने साथ एक सम्बंध बनाने में मदद कर सकते हैं।

राजहंस का स्वतः गिरा हुआ पंख, कोचनी का पुष्प एवं सफेद गाय का दूध- इन सबको मिलाकर खीर बनाएं। फिर उपर्युक्त मन्त्र द्वारा खीर की एक सौ आठ आहुतियाँ दें। इससे मन्त्र सिद्ध हो जाएगा। प्रयोग के समय नित्य ग्यारह दिनों तक इसी मन्त्र का एक सौ जप करके इच्छित स्त्री या पुरुष का ध्यान करें। जिसका भी ध्यान किया जाएगा, वह वश में हो जाएगा।

ईन्ना आत्वैना शैताना मेरी शिकल बन फलानी के पास जाना, उसे मेरे पास लाना, न लावे तो तेरी बहन more info भानजी पर तीन सौ तलक।

चेतावनी: किसी भी मंत्र का उपयोग केवल सकारात्मक और नैतिक उद्देश्यों के लिए करें। इसे किसी की स्वतंत्र इच्छा को बाधित करने, छल करने, या अनैतिक लाभ के लिए प्रयोग न करें, क्योंकि इससे नकारात्मक परिणाम और दुष्प्रभाव हो सकते हैं। मंत्र जाप में पवित्रता, श्रद्धा, और सच्ची भावना आवश्यक है। इसे मनोरंजन या खेल के रूप में न लें। यदि अनुभव न हो, तो किसी योग्य गुरु या विशेषज्ञ का मार्गदर्शन लें।



सब वीरन में तेरा सीर , सबकी नज़र बांध दे

मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना में सावधानी

यह मंत्र बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इसकी सिद्धि से सभी सांसारिक इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। जप करने से पहले किसी योग्य तांत्रिक से परामर्श अवश्य लें और उसकी सलाह से जप की संख्या के संबंध में संकल्प लें। जप के बाद निम्नलिखित मंत्र से देवी की स्तुति करें-

इस पुस्तक में आठ सिद्धियां दी गई हैं जिनको कि विधिपूर्वक करने से मनुष्य अवश्य सफल होता है। वह सिद्धियां इस प्रकार हैं। (१) वशीकरण विद्या (२) आकर्षण विद्या (३) अष्टसिद्धि (४) कायाकल्प विद्या (५) यक्षणी साधन (६) भूत विद्या (७) ओझा विद्या (८) यन्त्र, मन्त्र और तन्त्र विद्या । वह विद्या ऐसी हैं यदि विधिपूर्वक की जायं तो पूरा २ अब भी असर करती हैं। लेकिन सिद्धि कार्य कर्त्ता पर निर्भर है।

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